Saturday, March 21, 2015

Hare Krishna

कोई चाहे कितना भी महान क्यों ना हो जाए ,
पर कुदरत कभी भी किसी को महान बनने
का मौका नहीं देती ।।
कंठ दिया कोयल को , तो रूप छीन लिया ।
रूप दिया मोर को ,तो ईच्छा छीन ली ।
दि ईच्छा इन्सान को , तो संतोष छीन लिया ।
दिया संतोष संत को , तो संसार छीन लिया ।
दिया संसार चलाने देवी - देवताओं को ,
तो उनसे भी मोक्ष छीन लिया ।
दिया मोक्ष उस निराकार को , तो उसका भी आकार छीन लिया ।।
मत करना कभी भी ग़ुरूर अपने आप पर 'ऐ
इंसान' , मेरे god ने तेरे और मेरे जैसे कितने मिट्टी से
बना के मिट्टी में मिला दिए !
Hare Krishna

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